लघुत्तम समापवर्त्य तथा महत्तम समापवतक-Least Common Multiple and Highest Common Factor
प्रस्तुत अध्याय ‘लघुत्तम समापवर्त्य Least Common Multiple L.C.M. तथा महत्तम समापवर्तक Highest
Common Factor H.C.F.’ प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
यदि हम विगत तीन या चार वर्षों के SSC (10+2 स्तर तथा स्नातक स्तर), Bank (Clerk तथा
PO) तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करें, तो हमें ज्ञात
होता है कि इस अध्याय से SSC (10+2 स्तर तथा स्नातक स्तर) तथा Bank (Clerk तथा PO)
तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में एक से दो प्रश्न पूछे जा रहे हैं।
- अपवर्त्य (Multiple )
- समापवर्त्य(Common Multiple)
- लघुत्तम समापवर्त्य (Least Common Multiple)
- अभाज्य गुणनखण्ड विधि (Prime Factorisation Method)
- भाग विधि (Division Method)
- अपवर्तक (Factor)
- समापवर्तक (Common Factor)
- महत्तम समापवर्तक (Highest Common Factor)
- अभाज्य गुणनखण्ड विधि (Prime Factorisation Method)
- भाग विधि (Division Method)
- वैकल्पिक भाग विधि (Alternate Division Method)
- भिन्नों का ल.स. तथा म.स. ज्ञात करना (To calculate LCM and HCF of fractions)
- (Important facts related to LCM and HCF)
अपवर्त्य (Multiple)
ऐसी संख्याएँ, जो किसी दी गई संख्या से पूर्णतया विभाजित हो जाती हैं, दी गई संख्या की अपवर्त्य कहलाती
है। जैसे- 5, 10, 15, 20, सभी संख्याएँ 5 की अपवर्त्य हैं।
समापवर्त्य (Common Multiple)
ऐसी संख्याएँ, जो दी गई दो या दो से अधिक संख्याओं में से प्रत्येक से पूर्णतया विभाजित हो, उन दी
गई संख्याओं के समापवर्त्य कहलाती हैं। जैसे-3 व 5 के समापवर्त्य 15, 30 हैं।
लघुत्तम समापवर्त्य (Least Common Multiple)
वह छोटी-से-छोटी संख्या, जो दी गई दो या दो से अधिक संख्याओं में से प्रत्येक से पूर्णतया विभाजित हो,
दी गई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य कहलाती है। लघुत्तम समापवर्त्य को संक्षेप में
ल.स. (LCM) लिखते हैं। जैसे-3 व 5 के समापवर्त्य 15, 30, 45, हैं। इनमें सबसे छोटा
समापवर्त्य 15 है। इसलिए 3 व 5 का ल.स. 15 है।
ल.स. ज्ञात करने की विधियाँ (Methods to Find LCM)
दी गई दो या दो से अधिक संख्याओं का ल.स. ज्ञात करने की निम्न विधियाँ हैं
1. अभाज्य गुणनखण्ड विधि (Prime Factorisation Method)
दी गई दो या दो से अधिक संख्याओं का ल.स. अभाज्य गुणनखण्ड विधि से ज्ञात करने के लिए निम्न चरणों
का अनुसरण करते हैं
चरण
1 सर्वप्रथम दी गई संख्याओं को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में लिखते हैं।
चरण
2 प्राप्त गुणनफलों को अभाज्य गुणनखण्डों की घातांकों के गुणनफल के रूप में लिखते हैं।
चरण
3 इनमें से अधिकतम घातांकों वाली संख्याओं का गुणनफल ज्ञात करते हैं। इस प्रकार प्राप्त गुणनफल ही दी गई संख्याओं का ल.स. होता है।
उदाहरण – example
1. 14, 6 व 12 का ल.स. ज्ञात कीजिए।
14=2 x 7
6=2 x 3
12=2 x 2 x 3= 22 x 3
14, 6 व 12 का ल.स. = = 22 x 3 x 7 = 4 x 21= 84
2. भाग विधि (Division Method)
दी गई दो या दो से अधिक संख्याओं का ल.स. भाग विधि से ज्ञात करने के लिए निम्न चरणों का अनुसरण करते हैं चरण 1 सर्वप्रथम दी गई संख्याओं को एक पंक्ति में लिखकर छोटी-से-छोटी अभाज्य संख्या से भाग करते हैं।
चरण 2 उपरोक्त चरण में प्राप्त भागफलों व बची संख्याओं की अगली पंक्ति में लिखकर चरण 1 को दोहराते हैं।
पुनः
चरण 3 चरण 2 की पुनरावृत्ति तब तक करते हैं, जब तक प्रत्येक संख्या के नीचे भागफल एक प्राप्त न हो जाए।
चरण 4 सभी अभाज्य भाजकों का गुणनफल ज्ञात करते हैं। प्राप्त गुणनफल ही अभीष्ट ल.स. होता है।
उदाहरण- 2. 48, 72, व 96 का ल.स. ज्ञात कीजिए।
|
|
|
|
2 | 48 | 72 | 96 |
2 | 24 | 36 | 48 |
2 | 12 | 18 | 24 |
2 | 6 | 9 | 12 |
2 | 2 | 9 | 6 |
3 | 1 | 9 | 3 |
3 | 1 | 3 | 1 |
| 1 | 1 | 1 |
. 48, 72, व
96 का
ल.स.= 2 x 2 x 2 x 2 x 2 x 3 x
3 = 25 x 32 =288
अपवर्तक
(Factor)
ऐसी
संख्याएँ, जो किसी दी
गई संख्या को पूर्णतया विभाजित
कर देती हैं, दी
गई संख्या के अपवर्तक या
गुणनखण्ड कहलाती हैं।
जैसे-1,
2, 5, 10, 15 तथा 30 संख्या 30 के अपवर्तक हैं।
समापवर्तक
(Common Factor)
ऐसी
संख्या, जो दी गई
दो या दो से
अधिक संख्याओं को अलग-अलग
विभाजित कर देती है,
दी गई संख्याओं का
समापवर्तक कहलाती है। जैसे-यदि
15, 30 व 45 को 5 पूर्णतः विभाजित
करता है, तो 5 दी
गई संख्याओं 15, 30 व 45 का समापवर्तक
है।
महत्तम
समापवर्तक (Highest
Common Factor)
ऐसी
बड़ी-से-बड़ी संख्या,
जो दी गई दो
या दो से अधिक
संख्याओं को पूर्णतया विभाजित
करे, दी गई संख्याओं
का महत्तम समापवर्तक कहलाती है। महत्तम समापवर्तक
को संक्षेप में म.स.
(HCF या GCD) पढ़ते व लिखते हैं।
जैसे—
15, 30 व 45 के समापवर्तक 3,5 व
15 हैं परन्तु इनमें बड़ी से बड़ी
संख्या 15 हैं। इसलिए इनका
म.स. 15 है।
म.स. ज्ञात करने
की विधियाँ (Methods to Find
HCF)
दी गई दो या
दो से अधिक संख्याओं
का म.स. ज्ञात
करने की निम्न विधियाँ
हैं
1. अभाज्य
गुणनखण्ड विधि (Prime Factorisation
Method)
दी गई संख्याओं का
म.स. अभाज्य गुणनखण्ड
विधि से ज्ञात करने
के लिए निम्न चरणों
का अनुसरण करते हैं चरण
1 सर्वप्रथम दी गई संख्याओं
को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के
रूप में लिखते हैं।
चरण 2 सभी संख्याओं में
से उभयनिष्ठ गुणनखण्डों का गुणनफल ज्ञात
करते हैं। प्राप्त गुणनफल
ही अभीष्ट म.स. होता
है।
उदाहरण
. 36 तथा 84 का महत्तम समापवर्तक
है
(a) 12
(b) 6
(d) 18
हल
(a) 36 = 2 X 2 X3x3
तथा
84 = 2 X 2 X 3 x 7
म.स. = 2 x 2 × 3 = 12
2. भाग
विधि (Division Method)
दी गई संख्याओं का
म.स. भाग विधि
से ज्ञात करने के लिए
निम्न चरणों का अनुसरण करते
हैं
चरण
1 सर्वप्रथम दी गई दो
संख्याओं में बड़ी संख्या
को छोटी संख्या से
भाग करके शेषफल प्राप्त
करते हैं।
चरण
2 प्राप्त शेषफल से भाजक को
भाग करते हैं।
चरण
3 चरण 2 को तब तक
दोहराते हैं जब तक
कि शेषफल शून्य प्राप्त न हो। इस
प्रकार प्राप्त भाजक ही दी
गई दो संख्याओं का
म.स. होता है।
दो से अधिक संख्याओं
का म.स. ज्ञात
करने के लिए पहले
दो संख्याओं का म. स.
ज्ञात करते हैं। तथा
इसके बाद इस म.स. व तीसरी
संख्या का म.स.
ज्ञात करते हैं। यह
म.स. ही अभीष्ट
म.स. होता है।
उदाहरण
4. 144, 180 का म. स. ज्ञात
कीजिए।
| 14 |
144 | 180 |
| -144 |
| 36)144(4 |
| 144 |
| x |
144, 180 का म. स.= 14 Ans.
3. वैकल्पिक
भाग विधि (Alternate Division
Method)
दी गई संख्याओं का
म.स. वैकल्पिक भाग
विधि से ज्ञात करने
के लिए निम्न चरणों
का अनुसरण करते हैं
चरण
1 सर्वप्रथम दी गई संख्याओं
को एक पंक्ति में
लिखकर क्रमशः उन छोटी-से
छोटी अभाज्य संख्याओं से भाग करते
हैं जिनसे दी गई सभी
संख्याएँ एकसाथ विभाजित हों।
चरण
2 उपरोक्त चरण से प्राप्त
भागफलों को अगली पंक्ति
में लिखकर पुनः चरण 1 को
दोहरातेहैं।
चरण
3 चरण 2 की पुनरावृत्ति तब
तक करते हैं, जब
तक सभी संख्याएँ एकसाथ
विभाजित होती रहती हैं।
चरण
4 सभी अभाज्य भाजकों का गुणनफल ज्ञात
करते हैं प्राप्त गुणनफल
ही अभीष्ट म.स. होता
है।
उदाहरण-
24, 36 का म. स. ज्ञात
कीजिए।
(a) 12
(b) 15
(c) 8
2 | 24 | 36 |
2 | 12 | 18 |
3 | 6 | 9 |
| 2 | 3 |
24, 36 का
म. स.= 2 x 2 x 3=12 ans.
भिन्नों
का ल.स. तथा
म.स. ज्ञात करना
(To calculate LCM and HCF of fractions)
भिन्नों
के ल.स. तथा
म.स. को निम्न
सूत्रों की सहायता से
ज्ञात किया जा सकता
है
भिन्नों
का ल.स.= अंशों
का ल.स./हरों
का म.स.
भिन्नों
का म.स. =
अंशों का म.स./ हरों का ल.स.
(i) सभी
भिन्न अपने सरलतम रूप
मेंहोनीचाहिए।
(ii) दशमलव
संख्याओं का ल.स.
व म.स. निकालते
समय संख्याओं को परिमेय संख्या
(p / q) के रूप में लिखते
हैं तथा भिन्नों के
आधार पर उनका ल.स. तथा म.स. ज्ञात करते
हैं।
तम समय से सम्बन्धित
Question=
3/2 and 4/3 का म.
स. ज्ञात कीजिए।
भिन्नों
का म.स. =
अंशों का म.स./ हरों का ल.स.
= 3,4 का
म.स./2,3 का ल.स.
=1/6
Question=
3/2 and 4/3 का ल.स. ज्ञात कीजिए।
भिन्नों
का ल.स.= अंशों
का ल.स./हरों
का म.स.
=3,4 का
ल.स. / 2,3 का म.स.
= 12/1
= 12 ans.
(Important facts related to LCM and HCF)
- दो क्रमागत प्राकृत संख्याओं का म.स.
= 1- दो क्रमागत प्राकृत संख्याओं का ल.स.
= दोनों क्रमागत प्राकृत संख्याओं का गुणनफल- यदि
दो संख्याओं का म.स.
A दिया गया हो, तो
दोनों संख्याएँ Ax तथा Ay मानते हैं, जहाँ तथा
y परस्पर अभाज्य हैं।- यदि
दी गई संख्याओं का
आधार समान और घात
असमान हो, तो
- उनका
ल.स. अधिकतम घात
वाली संख्या होगी। जैसे- 37, 312
,317 का
ल.स. = 317- उनका
म.स. न्यूनतम घात
वाली संख्या होगी। जैसे- 28,210,215
का म.स. = 28