Square-Square Root example and Rule | वर्ग-वर्गमूल उदाहरण

 वर्गवर्गमूल – Square-Square Root 

यह अध्याय वर्गवर्गमूल  उदाहरण Square-Square Root ‘ Bank (Clerk), SSC
(10+2
स्तर तथा स्नातक स्तर)
तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं
के लिए बहुत ही
महत्त्वपूर्ण अध्याय है। 

विगत वर्षों
के प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों
का विश्लेषण करने के पश्चात्
हमें ज्ञात होता है कि
इस अध्याय से Bank (Clerk) की परीक्षा में
दो से तीन प्रश्न,
SSC
(10+2 स्तर तथा स्नातक स्तर)
परीक्षा में एक से
दो प्रश्न प्रत्येक वर्ष पूछे जा
रहे हैं। इसके अतिरिक्त
अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कमसेकम एक
प्रश्न पूछा जा रहा
है।

square root


वर्ग
(Square)

किसी
संख्या को स्वयं से
ही गुणा करने पर
प्राप्त संख्या दी गई संख्या
का वर्ग कहलाती है।
जैसे– 5 का वर्ग = 52 = 5×5 = 25

वर्ग
ज्ञात करने की विधियाँ
(Methods of Finding Square)
किसी
संख्या का वर्ग निम्न
विधियों द्वारा ज्ञात कर सकते हैं

1. गुणक
विधि (Multiple Method)

इस विधि के अनुसार,
किन्हीं दो अंकों की
संख्या का वर्ग ज्ञात
करने के लिए निम्न
चरणों का अनुसरण करते
हैं चरण 1:- सर्वप्रथम, इकाई के अंक
का वर्ग करते हैं।
(यदि प्राप्त संख्या दो अंकों में
हो, तो इकाई के
अंक को लिखकर, दहाई
के अंक को हासिल
के रूप में लिखकर
अगले चरण में जोड़ते
हैं।)

चरण
2:-
2 x दहाई X इकाई + चरण 1 से प्राप्त हासिल
(चरण 2 का यह मान
दो अंकों में हो, तो
इकाई के अंक को
लिखकर, दहाई के अंक
को हासिल के रूप में
लिखकर अगले चरण में
जोड़ते हैं।)

चरण
3:-
(दहाई)’ + चरण 2 से प्राप्त हासिल
चरण 4 अभीष्ट वर्ग ज्ञात करने
के लिए चरण 1
2 से प्राप्त संख्या के इकाई का
अंक तथा चरण 3 से
प्राप्त संख्या को क्रमश: दाई
से बाईं ओर लिखकर
दी गई संख्या का
वर्ग प्राप्त करते हैं।

वर्गवर्गमूल 

उदाहरण . (35)2 का
मान ज्ञात कीजिए।

हल
352 = ?

चरण
1
– 5 = 25

चरण
2
– 2x3x5 + 2 = 32    (चरण 1 से प्राप्त हासिल)

चरण
3
– (3)2 +3=12           (चरण
2 से प्राप्त हासिल)

चरण
4
– (35)2 = 1225

बीजगणितीय
विधि (Algebraic
Method) 

इस विधि में किसी
दी गई संख्या का
वर्ग ज्ञात करने के लिए
निम्न नियमों का अनुसरण करते
हैं

(i) (a + b)2 = a2 + 2ab + b2

(ii) (a – b)2 = a2 -2ab + b

(iii) (a2 – b2 )= (a + b)(a – b)

(75)² = (70 + 5)² = (70)² + 2x70x5+ (5)² = 4900 + 700 + 25 =
5625

दशमलव संख्याओं का वर्ग (Square of Decimal Number)

किसी दी गई
दशमलव संख्या का वर्ग ज्ञात
करने के लिए दशमलव
पर ध्यान देते हुए
पूरी संख्या का वर्ग करते
हैं तथा प्राप्त परिणाम
में दी गई संख्या
में दशमलव के बाद के
अंकों की संख्या के
दोगुने अंक के बराबर
स्थान पर दाई में
ओर से दशमलव लगाते
हैं। जैसे– (3.5)2 = ?                  (35) 2 = 1225

यहाँ,
दी गई संख्या में
दशमलव दाईं ओर से
एक स्थान पर है। तब,
परिणाम में दशमलव दाईं
ओर से दोगुने स्थान
पर लगाते हैं। अर्थात् (3.5)2 = 12.25

वर्गमूल
(Square Root)

किसी
संख्या का वर्गमूल वह
संख्या है, जिसे स्वयं
से ही गुणा करने
पर दी गई संख्या
प्राप्त होती है।

या

किसी
दी गई संख्या का
वर्गमूल वह संख्या है,
जिसका वर्ग उस दी
गई संख्या के बराबर है।
इसे चिह्न से प्रदर्शित करते
हैं। जैसे√16
= √4X4 = 4

वर्गमूल
ज्ञात करने की विधियाँ
(Methods of Finding Square Root)

किसी
संख्या का वर्गमूल निम्न
विधियों द्वारा ज्ञात कर सकते हैं।

1. अभाज्य
गुणनखण्ड विधि (Prime Factorisation
Method)

इस विधि से दी
गई संख्या का वर्गमूल ज्ञात
करने के लिए निम्न
चरणों का अनुसरण करते हैं

चरण
1
सर्वप्रथम दी गई संख्या
के अभाज्य गुणनखण्ड ज्ञात करते हैं।

चरण
2
प्राप्त अभाज्य गुणनखण्डों को समान युग्मों
के रूप में लिखते
हैं।

चरण
3
प्रत्येक जोड़े में से
एक संख्या लेकर उन्हें एकसाथ
गुणा करते हैं तब
प्राप्त गुणनफल ही

भागफल विधि
(Division Method)

यदि कोई ऐसी
संख्या है, जो बहुत बड़ी हो और उसके गुणनखण्ड ज्ञात करना कठिन हो, तो इस विधि का प्रयोग
किया जाता है। किसी संख्या का वर्गमूल भागफल विधि द्वारा ज्ञात करने के लिए निम्न चरणों
का अनुसरण करते हैं

चरण 1– सर्वप्रथम दी गई संख्या में, इकाई स्थान
से प्रारम्भ करते हुए संख्याओं के प्रत्येक युग्म के ऊपर बार (-)

लगाते हैं।
यदि अंकों की संख्या विषम है तब अन्तिम युग्म केवल एक अंक का ही बन पाता है।

चरण 2 बाईं ओर के युग्म या अंक को ऐसी संख्या
से भाग करते हैं, जिसका वर्ग सबसे बाईं ओर के बार के नीचे

लिखे युग्म
या अंक से बराबर या कम हो। इस संख्या को भाजक तथा भागफल के स्थान पर लिखते हैं तथा
शेषफल ज्ञात करते हैं।

चरण 3 इस शेषफल के साथ अगले युग्म को दाईं ओर
लिखते हैं। भाजक के स्थान पर भागफल का दोगुना लिखते हैं। इस भाजक के दाईं ओर ऐसा अंक
लिखते हैं,

चरण 4 जिसकी गुणा प्राप्त भाजक में करने पर
प्राप्त गुणनफल भाज्य के बराबर या उससे कम हो।

चरण 5 प्राप्त गुणनफल को भाज्य के नीचे लिखकर
शेषफल ज्ञात करते हैं। भाजक में लिखे अंक को भागफल

में पूर्व अंक
के दाईं ओर लिखते हैं।

चरण 6 इस क्रिया को तब तक दोहराते हैं जब तक
सभी युग्म समाप्त न हो जाएँ। इस क्रिया में प्राप्त भागफल ही दी गई संख्या का अभीष्ट
वर्गमूल होता है।

उदाहरण .
169744 का वर्गमूल भाग विधि द्वारा ज्ञात कीजिए।

हल

 

412

4

4

16 97 44

16

81

1

97

81

822

16 44

16 44

 

  
*

 

169744 = 412

दशमलव संख्याओं
का वर्गमूल (Square Root of Decimal Number)

यदि दी गई संख्या
दशमलव रूप में हो तथा उसका पूर्ण वर्गमूल ज्ञात कर सकते हैं, तो संख्या के दशमलव पर
ध्यान न देकर संख्या का वर्गमूल ज्ञात करते हैं। प्राप्त परिणाम में दाईं ओर से दी
गई संख्या में दशमलव के बाद अंकों की संख्या के आधे स्थान पर दशमलव लगा देते हैं। इस
प्रकार प्राप्त परिणाम ही अभीष्ट वर्गमूल होता है।

यदि संख्या
का पूर्ण वर्गमूल ज्ञात नहीं कर सकते हैं, तो दशमलव के बाद अंकों की संख्या सम कर लेते
हैं। इसका वर्गमूल दशमलव पर बिना ध्यान दिए ज्ञात करते हैं। दशमलव को प्राप्त परिणाम
में आधे स्थान पर लगाते हैं। यह परिणाम ही अभीष्ट वर्गमूल होता है। दशमलव संख्याओं
का वर्गमूल ज्ञात करने के लिए भाग विधि या अभाज्य गुणनखण्ड विधि का उपयोग किया जाता
है।

उदाहरण .
184.96 का वर्गमूल भाग विधि द्वारा ज्ञात कीजिए।

हल सर्वप्रथम
दशमलव पर ध्यान न देकर वर्गमूल ज्ञात करते है।

184.96 = 13.6

 

136

1

1

1 84 96

1

23

3

84

69

266

1596

1596

 

*

 

प्रश्न में
दशमलव के बाद 2 संख्या थी।

अतः अभीष्ट
उत्तर में दशमलव दाई ओर से केवल 1 स्थान बाद लगेगा।

184.96 = 13.6

भिन्न
का वर्गमूल (Square Root of
Fraction)

यदि
दी गई साधारण भिन्न
का अंश तथा हर
एक पूर्ण वर्ग हो, तब
उसका वर्गमूल ज्ञात करने के लिए
उसके अंश हर
का वर्गमूल अलगअलग ज्ञात
करते हैं।

अर्थात्

यदि
साधारण भिन्न के अंश
हर पूर्ण वर्ग हो,
तब भिन्न को दशमलव भिन्न
में बदलकर वर्गमूल ज्ञात करते हैं।

 

वर्ग
एवं वर्गमूल से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण
तथ्य (Important Facts
Related to Square and Square Root)

  • यदि
    किसी संख्या में इकाई के
    स्थान पर 2.3.7 या 8 हो, तो
    उस संख्या का वर्गमूल पूरापूरा नहीं निकलता
    है।
  • यदि
    किसी संख्या में इकाई के
    स्थान पर 1 हो, तो
    वर्गमूल में इकाई के
    स्थान पर 1 या 9, 4 हो,
    तो 2 या 8:5 हो, तो 5:6 हो,
    तो 4 या 6 तथा 9 हो,
    तो 3 या 7 होगा।
  • किसी
    भी संख्या का वर्ग करने
    पर इकाई के स्थान
    पर 0, 1, 4,5,6 तथा 9 अंक आते हैं,
    परन्तु 2.3.7 तथा 8
  • कभी
    नहीं आते हैं।
  • सम संख्या का वर्गमूल सम
    संख्या में तथा विषम
    संख्या का वर्गमूल विषम
    संख्या में होता है।√X * √y = √x * y
  • यदि
    किसी संख्या में अंकों की
    संख्या सम (माना n) हो,
    तो उसके वर्गमूल में
    अंकों की संख्या संख्या
    में अंकों की संख्या विषम
    (माना n) हो, तो उसके
    वर्गमूल में अंकों की
    संख्या होगी तथा यदि
    n+ 1/2 होगी।
  • जैसे-1838736
    के वर्गमूल में अंकों की
    संख्या = 7+1/ 2 = 4         [ संख्या
    में 7 अंक हैं]

[: 1838736 का
वर्गमूल 1356]

  • यदि
    किसी संख्या में इकाई का
    अंक 5 हो, तो उसका
    वर्ग निम्न प्रकार ज्ञात कर सकते हैं
    (a5)2 = a(a + 1) | 25

(125)² = 12(12+1) | 25 = 12 x 13 |25 = 15625

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